The Basic Principles Of shiv chalisa lyricsl
The Basic Principles Of shiv chalisa lyricsl
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देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
The mom hen Maina dreams his affection, His remaining side adorns an enchanting kind. He holds a trident in his hand, a symbol of energy, Often destroying the enemies.
O Lord, Purari, you saved all Deities and mankind by defeating and destroying the demons Tripurasur. You blessed your devotee Bhagirath and he was in a position to accomplish his Vow immediately after demanding penance.
O Superb Lord, consort of Parvati You are most merciful . You usually bless the bad and pious devotees. Your gorgeous type is adorned Using the moon Shiv chaisa with your forehead and with your ears are earrings of snakes' hood.
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥
संकट से मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता सब होई ।
पाठ करे सो पावन हारी ॥ पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।
पाठ करने से पहले गाय के shiv chalisa lyricsl घी का दिया जलाएं और एक कलश में शुद्ध जल भरकर रखें।
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी